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सफल सकल अभियान: प्रासंगिक

Om सफल सकल अभियान: प्रासंगिक

सफल सकल अभियान प्रासंगिक दोहे दोहा भारतीय हिन्दी पद्य साहित्य का सर्वाधिक लोकप्रिय छन्द है । अनेकानेक प्राचीन और अर्वाचीन रचनाकारों नें दोहों को अपना रचना आधार बनाया है । इसकी दो पंक्तियाँ और अड़तालीस मात्राएँ कुशल रचनाधर्मी के भावों को इस प्रकार अभिव्यक्त कर देती हैं कि पाठक/श्रोता चमत्कृत/भाव विभोर और पुलकित पुलकित हो जाते हैं । अनेकानेक ग्रन्थों के रचयिता विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी की प्रासंगिक दोहों पर केन्द्रित 'सफल सकल अभियान' - रचना अपने आप में भाषा, भाव, प्रवाह, रस, अलंकार और दृश्यात्मकता से परिपूर्ण विशिष्टतम रचना है । आपके इस प्रस्तुत मौलिक दोहा संग्रह में वाग्देवी माता सरस्वती की आराधना के अतिरिक्त राजनीति, लोकतन्त्र, स्वार्थ, दंगे, हिंसा, प्रदर्शन, नेताओं के घृणा आदि के समानान्तर भारतीय संस्कृति के शाश्वत मूल्यों का मनोरम से भी मनोरम वर्णन उपलब्ध है । इस दोहा संग्रह में गुरुओं के प्रति सम्मान और प्रेम का महत्त्व विशेष उल्लिखित है । प्रेम की महिमा विषयक एक दोहा अवश्य द्रष्टव्य - जिनको ज्ञात विशेषतः 'प्रेम' शब्द का अर्थ । स्वतः सफल वे सर्वतः, पण्डित सर्वसमर्थ । । इस दोहा संग्रह में सूक्तियों के अनेक प्रयोग भी सहज उपलब्ध हैं । डॉ. ओम् जोशी अपने देश 'भारतवर्ष' से अगाध प्रेम करते हैं । इस भाव को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष दोहा प्रस्तुत है - कहीं न पूरे विश्व में, भारत जैसा देश । यहाँ व्याप्त सर्वत्र ही, सम्मोहक परिवेश । । यह पुस्तक अवश्य ही पठनीय है ।

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789390889013
  • Format:
  • Häftad
  • Sidor:
  • 50
  • Utgiven:
  • 1. januari 2022
  • Mått:
  • 140x3x216 mm.
  • Vikt:
  • 68 g.
Leveranstid: 2-4 veckor
Förväntad leverans: 28. januari 2025
Förlängd ångerrätt till 31. januari 2025
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Beskrivning av सफल सकल अभियान: प्रासंगिक

सफल सकल अभियान प्रासंगिक दोहे दोहा भारतीय हिन्दी पद्य साहित्य का सर्वाधिक लोकप्रिय छन्द है । अनेकानेक प्राचीन और अर्वाचीन रचनाकारों नें दोहों को अपना रचना आधार बनाया है । इसकी दो पंक्तियाँ और अड़तालीस मात्राएँ कुशल रचनाधर्मी के भावों को इस प्रकार अभिव्यक्त कर देती हैं कि पाठक/श्रोता चमत्कृत/भाव विभोर और पुलकित पुलकित हो जाते हैं । अनेकानेक ग्रन्थों के रचयिता विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी की प्रासंगिक दोहों पर केन्द्रित 'सफल सकल अभियान' - रचना अपने आप में भाषा, भाव, प्रवाह, रस, अलंकार और दृश्यात्मकता से परिपूर्ण विशिष्टतम रचना है । आपके इस प्रस्तुत मौलिक दोहा संग्रह में वाग्देवी माता सरस्वती की आराधना के अतिरिक्त राजनीति, लोकतन्त्र, स्वार्थ, दंगे, हिंसा, प्रदर्शन, नेताओं के घृणा आदि के समानान्तर भारतीय संस्कृति के शाश्वत मूल्यों का मनोरम से भी मनोरम वर्णन उपलब्ध है । इस दोहा संग्रह में गुरुओं के प्रति सम्मान और प्रेम का महत्त्व विशेष उल्लिखित है । प्रेम की महिमा विषयक एक दोहा अवश्य द्रष्टव्य - जिनको ज्ञात विशेषतः 'प्रेम' शब्द का अर्थ । स्वतः सफल वे सर्वतः, पण्डित सर्वसमर्थ । । इस दोहा संग्रह में सूक्तियों के अनेक प्रयोग भी सहज उपलब्ध हैं । डॉ. ओम् जोशी अपने देश 'भारतवर्ष' से अगाध प्रेम करते हैं । इस भाव को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष दोहा प्रस्तुत है - कहीं न पूरे विश्व में, भारत जैसा देश । यहाँ व्याप्त सर्वत्र ही, सम्मोहक परिवेश । । यह पुस्तक अवश्य ही पठनीय है ।

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