Marknadens största urval
Snabb leverans

काव्य शाखाएँ

Om काव्य शाखाएँ

About the Book: "काव्य शाखाएँ" लेखिका की पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में 44 कविताएं संकलित हैं। वृक्ष की शाखाएँ जिस तरह वृक्ष के साथ जुड़ी रहती हैं, वैसे ही ये कविताएं भी पाठक या श्रोता को जोड़कर रखने का कार्य करती हैं। जिस प्रकार ये शाखाएँ फूलों से सुशोभित होती हैं, उसी प्रकार इन कविताओं में भी श्रृंगार रस का आलंबन है। "काव्य की ये शाखाएँ बहुत कुछ कहना चाहती हैं आसमान को छूने का ये एक सुअवसर चाहती हैं श्रृंगार काव्य का किया है मैंने भावों से सजाकर ये शाखाएँ मौन कलियों संग मुस्कुराना चाहती हैं।" लेखिका की "काव्य शाखाएँ" काव्य उद्यान में पल्लवित हों, पुष्पित हों, पाठकों का मार्गदर्शन एवं उनमें नई ऊर्जा का संचार कर सके यही कामना है। About the Author: मिली साहा एक ग्रहणी के साथ एक अच्छी लेखिका हैं। निजी जीवन की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ इन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा को भी बखूबी निखारा है। लिखने का शौक इन्हें शुरू से ही था किंतु वक़्त के साथ वो कहीं विलीन होता चला गया। लॉकडाउन के दौरान खाली समय में इनकी दबी हुई इस प्रतिभा ने इन्हें जब अंदर से आवाज़ लगाई तो मानो इनके हौसलों को पंख मिल गए और वहाँ से इनकी लेखन यात्रा पुनः आरंभ हुई। कल्पनाशीलता और वास्तविकता का अनोखा संगम इनकी रचनाओं में समाहित है जिसमें जीवन के खट्टे मीठे अनुभव और समाज के विभिन्न पहलुओं की छाप है। इनकी रचनाएं साहित्य मंजरी, अमर उजाला, वुमन एक्सप्रेस, इंदौर समाचार आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। इन्हें लेखन कार्य में विभिन्न साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में अनेकों बार विजेता का खिताब भी प्राप्त हो चुका है।

Visa mer
  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9788196414047
  • Format:
  • Häftad
  • Sidor:
  • 76
  • Utgiven:
  • 18. juni 2023
  • Mått:
  • 133x5x203 mm.
  • Vikt:
  • 95 g.
Leveranstid: 2-4 veckor
Förväntad leverans: 16. december 2024

Beskrivning av काव्य शाखाएँ

About the Book: "काव्य शाखाएँ" लेखिका की पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में 44 कविताएं संकलित हैं। वृक्ष की शाखाएँ जिस तरह वृक्ष के साथ जुड़ी रहती हैं, वैसे ही ये कविताएं भी पाठक या श्रोता को जोड़कर रखने का कार्य करती हैं। जिस प्रकार ये शाखाएँ फूलों से सुशोभित होती हैं, उसी प्रकार इन कविताओं में भी श्रृंगार रस का आलंबन है। "काव्य की ये शाखाएँ बहुत कुछ कहना चाहती हैं आसमान को छूने का ये एक सुअवसर चाहती हैं श्रृंगार काव्य का किया है मैंने भावों से सजाकर ये शाखाएँ मौन कलियों संग मुस्कुराना चाहती हैं।" लेखिका की "काव्य शाखाएँ" काव्य उद्यान में पल्लवित हों, पुष्पित हों, पाठकों का मार्गदर्शन एवं उनमें नई ऊर्जा का संचार कर सके यही कामना है। About the Author: मिली साहा एक ग्रहणी के साथ एक अच्छी लेखिका हैं। निजी जीवन की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ इन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा को भी बखूबी निखारा है। लिखने का शौक इन्हें शुरू से ही था किंतु वक़्त के साथ वो कहीं विलीन होता चला गया। लॉकडाउन के दौरान खाली समय में इनकी दबी हुई इस प्रतिभा ने इन्हें जब अंदर से आवाज़ लगाई तो मानो इनके हौसलों को पंख मिल गए और वहाँ से इनकी लेखन यात्रा पुनः आरंभ हुई। कल्पनाशीलता और वास्तविकता का अनोखा संगम इनकी रचनाओं में समाहित है जिसमें जीवन के खट्टे मीठे अनुभव और समाज के विभिन्न पहलुओं की छाप है। इनकी रचनाएं साहित्य मंजरी, अमर उजाला, वुमन एक्सप्रेस, इंदौर समाचार आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। इन्हें लेखन कार्य में विभिन्न साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में अनेकों बार विजेता का खिताब भी प्राप्त हो चुका है।

Användarnas betyg av काव्य शाखाएँ



Hitta liknande böcker
Boken काव्य शाखाएँ finns i följande kategorier:

Gör som tusentals andra bokälskare

Prenumerera på vårt nyhetsbrev för att få fantastiska erbjudanden och inspiration för din nästa läsning.