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तीसरा मुगल जलालुद्दीन मु

Om तीसरा मुगल जलालुद्दीन मु

प्रस्तुत ग्रंथ में मुगल बादशाह अकबर का इतिहास लिखा गया है जिसने ई.1556 से 1605 तक भारत के विशाल क्षेत्रों पर शासन किया। अल्लाउद्दीन खिलजी की तरह अकबर भी पढ़ा-लिखा नहीं था किंतु भारत के विशाल क्षेत्रों पर शासन करने के लिए अल्लाउद्दीन खिलजी की तरह अकबर ने भी ऐसे घनघोर कुचक्र रचे जिन्हें पढ़कर हैरानी होती है! अकबर की सत्ता का मूल आधार वे वैवाहिक सम्बन्ध थे जो उसने हिन्दू राजवंशों से स्थापित किए। उसने हिन्दू राजाओं की लड़कियों से मुगल शहजादे पैदा किए और हिन्दुओं की तलवार से हिन्दुओं को जीता। इस पुस्तक में पढ़िए बादशाह अकबर का सच्चा इतिहास जिसे यूरोप वालों ने 'महान् मुगल' कहकर सिर आंखों पर बैठाया तो पं. जवाहरलाल नेहरू ने 'भारत का महान् बेटा' कहकर उसे भारत की आत्मा की आवाज बताया!

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9788195229666
  • Format:
  • Inbunden
  • Sidor:
  • 606
  • Utgiven:
  • 26. januari 2022
  • Mått:
  • 152x33x229 mm.
  • Vikt:
  • 971 g.
Leveranstid: 2-4 veckor
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Beskrivning av तीसरा मुगल जलालुद्दीन मु

प्रस्तुत ग्रंथ में मुगल बादशाह अकबर का इतिहास लिखा गया है जिसने ई.1556 से 1605 तक भारत के विशाल क्षेत्रों पर शासन किया। अल्लाउद्दीन खिलजी की तरह अकबर भी पढ़ा-लिखा नहीं था किंतु भारत के विशाल क्षेत्रों पर शासन करने के लिए अल्लाउद्दीन खिलजी की तरह अकबर ने भी ऐसे घनघोर कुचक्र रचे जिन्हें पढ़कर हैरानी होती है! अकबर की सत्ता का मूल आधार वे वैवाहिक सम्बन्ध थे जो उसने हिन्दू राजवंशों से स्थापित किए। उसने हिन्दू राजाओं की लड़कियों से मुगल शहजादे पैदा किए और हिन्दुओं की तलवार से हिन्दुओं को जीता। इस पुस्तक में पढ़िए बादशाह अकबर का सच्चा इतिहास जिसे यूरोप वालों ने 'महान् मुगल' कहकर सिर आंखों पर बैठाया तो पं. जवाहरलाल नेहरू ने 'भारत का महान् बेटा' कहकर उसे भारत की आत्मा की आवाज बताया!

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