Om आवाज जज्बातों की
मैं शिल्पी अग्रवाल इस किताब को लिखने का बहुत समय से कोशिश कर रही थी। मुझे नहीं पता था की कैसे पब्लिश कराते हैं। मेरे मन में बहुत डर था कि लोगों को पसंद नहीं आयी तो कैसे डिज़ाइन करना है, क्या नाम देना है ऐसे बहुत से प्रश्न मेरे जहन में उठते रहते थे। कुछ पब्लिकेशन से बात की लेकिन उनका चार्जेज मेरे पहुँच से बहुत बाहर था। आखिर में मेरी तलाश पूरी हुई और मैं आपके सामने अपने विचार या ये कहें आप सभी के विचार अपनी कविताओं के माध्यम से आप सब के सामने प्रस्तुत कर रही हूँ। मेरा उद्देश्य किसी के भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। ये विभिन्न विषयों पर विभिन्न अवस्थाओं पर विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर लिखी कविताओं का संग्रह है जो कि हर किसी को किसी न किसी पर जोड़ कर रखेगा और सोचने को मजबूर करेगा। यह किताब केवल कविताओं का संग्रह नहीं है। यह आप सब के विचारों का संग्रह भी है जो की मेरी इस किताब में प्रस्तुत किये गए हैं।
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