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Chhayavad: Prasad, Nirala, Mahadevi Aur Pant

Om Chhayavad: Prasad, Nirala, Mahadevi Aur Pant

छायावाद' पुस्तक में जहाँ छायावाद की समूहगत सामान्य प्रवृत्तियों के विश्लेषण का विशेष आग्रह था, वहीं प्रस्तुत पुस्तक में प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त के वैशिष्ट्रय और नवीन पक्षों पर विशेष दृष्टि डाली गई है । सौन्दर्य के समान महान सृजक भी विशिष्ट होते हैं । हिन्दी साहित्य 'ग्लैक्सी' की विभूतियाँ हैं-प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त इन विभूतियों की अपनी अलग विशिष्ट पहचान है । इनका व्यक्तित्व, भाव, तेवर, भाषा और अंदाज अलग-अलग और विशिष्ट है । इस पुस्तक में समानता के सामानांतर इन अपरिहार्य हस्ताक्षरों की विशिष्टताओं को क्रेन्दीयता मिली है । इसमें प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त की साहित्यिकता की मौलिक एवं नूतन अर्थ-मीमांसा के साथ- साथ नवीन 'कैनन' का भी आग्रह है । छायावाद के बाद से लेकर आज तक की कविताओं की उपलब्धियों, सीमाओँ, चुनौतियों और सम्भावनाओं के वृहत्तर दायरे में यह छायावादी रचनाशीलता के पुनर्मूल्यांकन की एक अनुप्रेक्षणीय समीक्षा- यात्रा है ।

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789388183246
  • Format:
  • Inbunden
  • Sidor:
  • 202
  • Utgiven:
  • 1. september 2018
  • Mått:
  • 152x16x229 mm.
  • Vikt:
  • 467 g.
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Beskrivning av Chhayavad: Prasad, Nirala, Mahadevi Aur Pant

छायावाद' पुस्तक में जहाँ छायावाद की समूहगत सामान्य प्रवृत्तियों के विश्लेषण का विशेष आग्रह था, वहीं प्रस्तुत पुस्तक में प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त के वैशिष्ट्रय और नवीन पक्षों पर विशेष दृष्टि डाली गई है । सौन्दर्य के समान महान सृजक भी विशिष्ट होते हैं । हिन्दी साहित्य 'ग्लैक्सी' की विभूतियाँ हैं-प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त इन विभूतियों की अपनी अलग विशिष्ट पहचान है । इनका व्यक्तित्व, भाव, तेवर, भाषा और अंदाज अलग-अलग और विशिष्ट है । इस पुस्तक में समानता के सामानांतर इन अपरिहार्य हस्ताक्षरों की विशिष्टताओं को क्रेन्दीयता मिली है । इसमें प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त की साहित्यिकता की मौलिक एवं नूतन अर्थ-मीमांसा के साथ- साथ नवीन 'कैनन' का भी आग्रह है । छायावाद के बाद से लेकर आज तक की कविताओं की उपलब्धियों, सीमाओँ, चुनौतियों और सम्भावनाओं के वृहत्तर दायरे में यह छायावादी रचनाशीलता के पुनर्मूल्यांकन की एक अनुप्रेक्षणीय समीक्षा- यात्रा है ।

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