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Kavita Toh Kahi Nahi

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Om Kavita Toh Kahi Nahi

कविता की गर्माहट आपको पूरे संग्रह में मिलेगी, जिसमें डॉक्टर अर्चना राकेश सिंह का मन, अनुभव, चेतना, दृष्टि सब शामिल है. यही कहना चाहूंगा कि हां यह कविता ही है ....! प्रताप सोमवंशी (कार्यकारी संपादक, हिन्दुस्तान) यह मात्र कविताएँ नहीं हैं, यह सरल शब्दों में लिखी गहरी सोच है. आज मैं अर्चना मैम का कवियित्री रूप देखकर स्तब्ध हूँ, निशब्द हूँ और उनका छात्र होने के नाते गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. आयुष्मान ख़ुराना (फिल्म अभिनेता, गायक) उनकी कविताओं में प्रकृति, प्रेम और करुणा का ऐसा संगम है जिसको जब भी पाठक आत्मसात करने बैठे तब समझो वो उसका जीवन है जो इन कविताओं के माध्यम से एक बार फिर आंखों के आगे से गुजरने लगता है. इन कविताओं में वही सपने शामिल हैं जिनके ख़्वाब पाठकों ने देखे थे कभी. उनकी लेखनी में हर आम जन मानस का अक्स छुपा है कहीं न कहीं. डॉक्टर मंजू डागर चौधरी, कार्यकारी संपादक (अंतर्राष्ट्रीय मामले) कॉर्पोरेट इनसाइट आयरलैंड डॉक्टर अर्चना, जो अपने छात्रों के लिए हमेशा उनकी चहेती 'अर्चना मैम' रहेंगी अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव बहुत सहजता से अपनी कविताओं में पिरो देती हैं और अपने पाठकों को अपने संग एक मनोरम सफ़र पर ले जाती है. `मातृभाषा का प्रभाव' और `ज़ुर्राबें ' मेरी सबसे पसंदीदा कविताएँ हैं. ज्योति कपूर (फिल्म पटकथा लेखक) बधाई हो, गुड न्यूज़ इत्यादि This collection of poems by Prof. Archana R. Singh, from School of Communication Studies, Panjab University is an expression of her sensitivity, creativity and intellectual capacity to understand the modern society. They are unputdownable. Khushwant Singh Author and State Information Commissioner, Punjab.

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9781638325222
  • Format:
  • Häftad
  • Sidor:
  • 140
  • Utgiven:
  • 7. april 2021
  • Mått:
  • 127x203x8 mm.
  • Vikt:
  • 159 g.
  Fri leverans
Leveranstid: 2-4 veckor
Förväntad leverans: 19. december 2024
Förlängd ångerrätt till 31. januari 2025

Beskrivning av Kavita Toh Kahi Nahi

कविता की गर्माहट आपको पूरे संग्रह में मिलेगी, जिसमें डॉक्टर अर्चना राकेश सिंह का मन, अनुभव, चेतना, दृष्टि सब शामिल है. यही कहना चाहूंगा कि हां यह कविता ही है ....! प्रताप सोमवंशी (कार्यकारी संपादक, हिन्दुस्तान) यह मात्र कविताएँ नहीं हैं, यह सरल शब्दों में लिखी गहरी सोच है. आज मैं अर्चना मैम का कवियित्री रूप देखकर स्तब्ध हूँ, निशब्द हूँ और उनका छात्र होने के नाते गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. आयुष्मान ख़ुराना (फिल्म अभिनेता, गायक) उनकी कविताओं में प्रकृति, प्रेम और करुणा का ऐसा संगम है जिसको जब भी पाठक आत्मसात करने बैठे तब समझो वो उसका जीवन है जो इन कविताओं के माध्यम से एक बार फिर आंखों के आगे से गुजरने लगता है. इन कविताओं में वही सपने शामिल हैं जिनके ख़्वाब पाठकों ने देखे थे कभी. उनकी लेखनी में हर आम जन मानस का अक्स छुपा है कहीं न कहीं. डॉक्टर मंजू डागर चौधरी, कार्यकारी संपादक (अंतर्राष्ट्रीय मामले) कॉर्पोरेट इनसाइट आयरलैंड डॉक्टर अर्चना, जो अपने छात्रों के लिए हमेशा उनकी चहेती 'अर्चना मैम' रहेंगी अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव बहुत सहजता से अपनी कविताओं में पिरो देती हैं और अपने पाठकों को अपने संग एक मनोरम सफ़र पर ले जाती है. `मातृभाषा का प्रभाव' और `ज़ुर्राबें ' मेरी सबसे पसंदीदा कविताएँ हैं. ज्योति कपूर (फिल्म पटकथा लेखक) बधाई हो, गुड न्यूज़ इत्यादि This collection of poems by Prof. Archana R. Singh, from School of Communication Studies, Panjab University is an expression of her sensitivity, creativity and intellectual capacity to understand the modern society. They are unputdownable. Khushwant Singh Author and State Information Commissioner, Punjab.

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