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Vedic Kaal

Om Vedic Kaal

भारत के लोक इतिहास श्रृंखला के इस खंड का विषय 1500 ईसा पूर्व से 700 ईसा पूर्व के बीच का काल-खंड है जिसके तहत ऋग्वेद और उसके बाद के ग्रंथों को क्रमशः व्यवस्थित किया गया है और उस युग के भूगोल, प्रव्रजन, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और समाज के साथ-साथ धर्म और दर्शन आदि पहलुओं का अन्वेषण किया गया है लेखकों की कोशिश रही है कि उक्त आदिग्रंथों के माध्यम से तत्कालीन जन-जीवन की पुनर्रचना कर आम पाठकों के लिए उसे बोधगम्य बनाया जाए इस प्रक्रिया में लैंगिक और वर्ग-आधारित सामाजिक विभाजनों को खास तौर पर देखने की कोशिश की गई है पुस्तक के एक अध्याय में पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर प्रमुख क्षेत्रीय संस्कृतियों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया गया है इतिहास में लोहे का आगमन एक महत्त्पूर्ण घटना है जो इसी युग में संपन्न हुई थी सो उसका वर्णन किंचित विस्तार से हुआ है साथ ही जाति व्यवस्था के आरम्भ पर भी इस पुस्तक में अपेक्षित प्रकाश डाला गया है मूल ग्रंथो के उद्धरणों, तार्किक व्याख्याओं और विश्लेषणों, अनेक प्रमाणिक चित्रों और नक्शों से समृद्ध यह पुस्तक न सिर्फ रुचिकर, बल्कि पाठकों को विचारोत्तेजक भी लगेगी

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9788126728114
  • Format:
  • Inbunden
  • Sidor:
  • 108
  • Utgiven:
  • 1. januari 2016
  • Mått:
  • 140x10x216 mm.
  • Vikt:
  • 286 g.
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Beskrivning av Vedic Kaal

भारत के लोक इतिहास श्रृंखला के इस खंड का विषय 1500 ईसा पूर्व से 700 ईसा पूर्व के बीच का काल-खंड है जिसके तहत ऋग्वेद और उसके बाद के ग्रंथों को क्रमशः व्यवस्थित किया गया है और उस युग के भूगोल, प्रव्रजन, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और समाज के साथ-साथ धर्म और दर्शन आदि पहलुओं का अन्वेषण किया गया है लेखकों की कोशिश रही है कि उक्त आदिग्रंथों के माध्यम से तत्कालीन जन-जीवन की पुनर्रचना कर आम पाठकों के लिए उसे बोधगम्य बनाया जाए इस प्रक्रिया में लैंगिक और वर्ग-आधारित सामाजिक विभाजनों को खास तौर पर देखने की कोशिश की गई है पुस्तक के एक अध्याय में पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर प्रमुख क्षेत्रीय संस्कृतियों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया गया है इतिहास में लोहे का आगमन एक महत्त्पूर्ण घटना है जो इसी युग में संपन्न हुई थी सो उसका वर्णन किंचित विस्तार से हुआ है साथ ही जाति व्यवस्था के आरम्भ पर भी इस पुस्तक में अपेक्षित प्रकाश डाला गया है मूल ग्रंथो के उद्धरणों, तार्किक व्याख्याओं और विश्लेषणों, अनेक प्रमाणिक चित्रों और नक्शों से समृद्ध यह पुस्तक न सिर्फ रुचिकर, बल्कि पाठकों को विचारोत्तेजक भी लगेगी

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